5 Essential Elements For sidh kunjika
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते click here हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.